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मैंने भगवान से कहा, "मेरे सभी दोस्तों को खुश रखना".

मैंने भगवान से कहा, "मेरे सभी दोस्तों को खुश रखना". भगवन बोले,"ठीक है पर सिर्फ 4 दिन के लिये, वो चार दिन तू बता"... मैंने कहा ठीक है, "Summer day" "Winter day" "Rainy day" "Spring day" भगवान् confused हो गए बोले, "नहीं सिर्फ 3 दिन"... मैंने कहा, "ठीक है, "Yesterday" "Today" "Tomorrow" भगवन फिर Confused बोले, "सिर्फ दो दिन"... मैंने कहा, "ठीक है दिन और रात"... भगवान् फिर Confused बोले, "सिर्फ 1 दिन"... मैंने कहा, "हरदिन.... भगवान हसने लगे और बोले अच्छा बाबा मेरा पीछा छोड़ो "तुम्हारे दोस्त सदा खुश रहेगे"... जितेंद्र वर्मा यूथगरिमा रतलाम 

अच्छा काम करते समय व्यक्ति की सोच कुछ और होती है।

22.12.2021.         *"अच्छा काम करते समय व्यक्ति की सोच कुछ और होती है। और बुरा काम करते समय उसकी सोच कुछ और होती है।"*          संसार में बहुत सी आश्चर्य की बातें हैं। उनमें से एक बात यह है, कि *"व्यक्ति जब अच्छा काम करता है, तो वह यह सोचता है, कि भगवान मुझे देख रहा है। उस समय वह बहुत सावधान तथा उत्साहित होता है। उसे समाज की ओर से भी धन सम्मान प्रोत्साहन आदि मिलने की आशा रहती है।"* परंतु जब वह बुरा काम करता है, तब इन सब बातों को भूल जाता है, कि *"मैं गलत काम कर रहा हूं। भगवान मेरे कर्मों को देख रहा है। वह मेरे कर्मों का हिसाब रखेगा। समय आने पर दंड भी देगा। यह जो काम मैं कर रहा हूं, यह ईश्वर के संविधान के भी विरुद्ध है, और समाज के रीति रिवाज परम्पराओं से भी विरुद्ध है।"*           वास्तव में व्यक्ति पाप कर्म करते समय जानता है, समझता है, कि *"मैं गलत कर रहा हूं।"* फिर भी स्वयं को वह रोक नहीं पाता। एक व्यक्ति ने पूछा कि *"वह स्वयं को क्यों नहीं रोक पाता?"* मैंने उत्तर दिया, क्योंकि *"उसे पाप करने में सुख मिलता है। यदि प...