आज है मार्गशीर्ष अमावस्या, इस दिन भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, बुरे होंगे परिणाम
पंडित श्री बिट्टू शर्मा छोटे गुरु जी रतलाम वाले के द्वारा प्राप्त हुई जानकारी अनुसार
मार्गशीर्ष अमावस्या2022: आज मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या है. मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है. इसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या की रात भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, और निशाचर जैसी नकारात्मक शक्तियां बहुत सक्रिय रहती हैं. इसलिए अमावस्या पर भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.
श्मशान से दूर रहें- अमावस्या की रात को गलती से भी श्मशान या उसके पास से होकर नहीं गुजरना चाहिए. अमावस्या की रात में सुनसान सड़कों पर जाने से भी बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या पर कमजोर दिल के लोग नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं, इसलिए ऐसे लोगों को सतर्क रहना चाहिए.
देर तक न सोएं- अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद नहीं मिल पाता है. इस दिन सूर्योदय के साथ जागें और सूर्य देव को जल अर्पित करें.
लड़ाई झगड़ा- अमावस्या के दिन घर में लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या पर जिस घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहां कभी पितरों की कृपा नहीं रहती है. इसलिए इस दिन घर में शांति का वातावरण बनाए रखने का प्रयास करें. अमावस्या पर न तो क्रोध करें और न ही किसी को अपशब्द कहें,
तामसिक भोजन- मार्गशीर्ष अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें. इस दिन खाने में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन मांस, मछली और मदिरा-पान आदि से भी दूर रहना चाहिए.
शारीरिक संबंध- अमावस्या के दिन पति पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा तीन ऐसी तिथियां होती हैं जब हमें तन और मन दोनों से पूर्णत: पवित्र रहना चाहिए.
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि और समय
मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवंबर सुबह 06 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और गुरुवार 24 नवंबर को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा.
धर्मग्रंथों में इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने को बहुत फलदाई बताया गया है. साथ ही पितरों को तर्पण और भोजन अर्पित करने से पितृगण प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन पितरों के निमित्त असहाय एवं गरीब लोगों को भोजन कराएं. ऐसा करने से घर की आर्थिक परेशानी दूर होती है और धन संपत्ति का आगमन होता है.
आज करें पीपल की पूजा, हर कामना होगी पूरी
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. सूर्योदय के समय पीपल की जड़ को दूध और जल चढ़ाएं. पूजा के बाद 11 परिक्रमा करें. ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति आएगी.