अच्छे विचारों में अपनी ऊर्जा खर्च करें
सकारात्मक सोच से सफलता का संबंध एनर्जी यानी ऊर्जा से है। भौतिकी के अनुसार संसार में केवल दो ही तत्व हैं: एक है ऊर्जा और दूसरा है पदार्थ । इन्हीं की अंतःक्रिया से यह संसार बना है। जिस तरह फेंगशुई के सिद्धांतों पर चलकर घर से नकारात्मक ऊर्जा हटाते हैं, सकारात्मक सोच भी उसी फेंगशुई की तरह है। पॉजिटिव एनर्जी ज्यादा होगी, तो शरीर में लाभदायक रसायनों का स्त्राव होगा, जिससे शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत होगी।
मस्तिष्क सबसे ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करता है। ये ऊर्जा को विचारों या संवेगों में बदलता है। दिमाग में हर दिन लगभग 60 हजार विचार आते हैं, इसलिए विचारों में हमारी बहुत सारी ऊर्जा खर्च होती है। गौर करने वाली है कि अगर विचार सकारात्मक हैं, तो ऊर्जा सकारात्मक रूप धारण कर लेती है और नहीं तो नकारात्मक। फिर हमारा ऊर्जावान विचार अपनी समतुल्य वस्तु आकर्षित करता है। जैसा नेपोलियन हिल ने कहा था, 'विचार वस्तु बन जाता है।'
अधिकांश लोगों को पता भी नहीं होता कि उनकी ज्यादातर मुसीबतों का कारण वे खुद गुलाब के पौधे को बड़ा करने के लिए देखभाल करनी होती है, जबकि खरपतवार बिना किसी मेहनत के बड़ी हो जाती है। इसी तरह नकारात्मक सोच के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ी, वहीं सकारात्मकता के लिए हर दिन कोशिश करनी पड़ती है।