16 साल संघर्ष के बाद सत्य की जीत हुई और आज माननीय न्यायाधीश ने सभी 11 पुलिस कर्मियों को दोषमुक्त किया नीमच। दिनांक 18/ 05/06 को तत्कालीनमंदसौर जिले के भावगढ थाना प्रभारी एसआई अजय मिश्रा को मुखबिर से सूचना मिली की कुख्यात तस्कर सलिम लाला आकोदाडा के नबीनूर से अवैध मादक पदार्थों को लेने आने वाला हे जो की पूर्व से फरार आरोपी हे अजय मिश्रा ने सलिम लाला को पकड़ने के लिए दो दल बनाकर कर कारवाही करने घटना स्थल की तरफ रवाना हुए सूचना अनुसार वहा पर सलिम लाला अपने साथियो के साथ मय अवैध हथियार लेकर साथियों के साथ तैनात था पुलिसक र्मियों ने सलीम लाला को समर्पण करने हेतु कहा पर सलिम लाला ने जवाब मे पुलिस दल पर फायर किया पुलिस ने फिर चेताया पर सलिम ने फायर करना बंद नही किया जिससे अजय मिश्रा को पेर पर गोली लगी इस पर पुलिस ने भी फायर किया जिसके परिणाम स्वरूप सलिम को गोली लगी वह घायल हो गया व उसके साथी भाग गये पुलिस दल घायल सलिम को लेकर मंदसौर अस्पताल पहुँचे जहा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया इस घटना को मृतक सलिम के घर वालों ने फर्जी एनकाउंटर बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था और माननीय CJM महोदय के न्ययालय मे प्रायवेट शिकायत कर मृतक के पिता पिरशेद खान ने 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पेश की जिस पर संज्ञान लेते हुए सभी पुलिस कर्मियों पर 302 ,201,147,148,149भा. द. वी.का विचारण आरम्भ किया (1)अजय मिश्रा(2)ओकरलाल बारिया (3)हरेंदरसिंह सेंगर(4)शिवराज सिंह (5)अजित सिंह (6)अजीज खान(7)शंकर सिंह (8)सुनील टेलर(9)सुनील सिंह (10)राजवीर सिंह (11)अय्यूब को आरोपी बनाया गया विचारण मे पिरशेद खान की और से 11 गवाहो के कथन माननीय न्यायालय (प्रथम अतिरिक्त सत्र ) के समक्ष करवाए गये जिनका सूक्ष्म मूल्याकन माननीय न्यायालय द्वारा किया गया तथा अभियुक्तों की और से पैरवी कर रहे अभिभाषक जीतेन्द्र सिंह सिसोदिया के तर्को से सहमत होकर सभी पुलिस कर्मियो को दोषमुक्त किया इस कार्यवाही से सभी पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा और अब सबको सत्यता का अनुभव हो गया जब एनकाउंटर मामले में पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज हुआ था तब थोड़े समय चिंतित थे लेकिन उन्हें यह विश्वास भी था कि पुलिस अपनी जगह सत्य है तो फैसला भी सत्य के पक्ष में आयेगा और आज वही हुआ जो 16 साल पहले विश्वास था
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