.तुषार शर्मा रतलाम/ महू
– वर्तमान काल में शादी विवाह करने कराने वाले लाखो करोड़ों खर्च करके किए गए विवाह की तारीफ तो लोगो के मुंह से आपने सुनी होगी .. किंतु इस बात को कटाक्ष देते हुए रतलाम के एक दूल्हे और महू की दुल्हन ने अपना विवाह नए अंदाज में करके अपनी जिंदगी की शुरूवात को सविधान के अनुरूप लाया है रतलाम और महू के दूल्हे और दुल्हन ने अपना वैवाहिक जीवन सविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जन्म स्थली में उनकी ही प्रतिमा के समक्ष जाकर शुरू किया गया यही नहीं इस जोड़े ने बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष सविधान की किताब पर हाथ रखकर जीवन भर साथ जन्मों तक जीने का वचन भी लिया .. आज बात की जाए दूल्हे की तो उसका नाम आशीष बालोद्र है दूल्हा रतलाम के एक गरीब परिवार से होकर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में कार्य करता है और शासकीय जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम मेन अशोक बालोद्रा का बेटा है .ओर बात की जाए दुल्हन की तो वह महू बाबा साहेब आंबेडकर की नगरी में ही निवास करती है दुल्हन का नाम पिंकी पिता राजेश जैदीये है वर्तमान युग में शादी विवाह सिर्फ एक बन्धन बन कर रह जाता है किंतु इस जोड़े ने सविधान की किताब को साक्षी मान एक अनूठा बन्धन बनाया है और प्राप्त जानकारी अनुसार समाज में यह इस अंदाज में दूसरा विवाह रचाया है यह विवाह देख देश प्रदेश के समस्त समाजों में एक संदेश उत्पन्न हुआ है की किसी बन्धन को समाज में एक अनूठा बन्धन कैसे बनाया जा सकता है ...ताकि देश प्रदेश में ऐसे विवाहो को एक यादगार बनाया जा सके वर्तमान काल में कई कहावतें तो आप ने सुनी होगी किंतु यह कहावत भी आज सिद्ध करके इस जोड़े ने सिद्ध कर दिया है की जिंदगी की एक नई शुरूवात सविधान के साथ भी हो सकती है ..
दोनों के परिजन सामाजिक कुरीतियों से हट कर विवाह कराना चाहते थे
प्राप्त जानकारी अनुसार रतलाम के दूल्हे आशीष ने बताया की वह और उनके परिजन वर्तमान काल में सामाजिक कुरीतियों से अलग हट कर विवाह करना चाहते थे ताकि उनके विवाह को यादगार बनाया जा सके दूल्हे आशीष और दुल्हन पिंकी का विवाह 28 नवंबर को बाबा साहेब अंबेडकर की जन्म स्थली में हुआ है ...साथ ही साथ आशीष ओर पिंकी ने सभी बारातियों और परिजनो को सविधान के वचन के साथ साविधान के प्रति शपथ भी दिलाई…...